परेश रावल और स्वरूप संपत की मुलाकात कैसे हुई और फिर शादी किस तरह हुई !
“यही है वो लड़की जिससे मैं शादी करूंगा।” परेश रावल ने अपने दोस्तों से स्वरूप संपत की तरफ इशारा करके कहा। उस वक्त स्वरूप संपत ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी ही की थी। जिस दिन परेश रावल ने अपने दोस्तों से वो बात कही थी उस दिन स्वरूप संपत इंडियन नेशनल थिएटर के एक नाटक का ब्रोशर बांट रही थी। वो नाटक स्वरूप जी के पिता प्रोड्यूस कर रहे थे। परेश रावल के दोस्तों को लगा कि परेश हवा हवाई बातें कर रहे हैं। उन्होंने परेश से कहा कि ख्वाब देखना छोड़ दो। इस लड़की से तुम्हारी शादी नहीं करेंगी। परेश भले ही स्वरूप जी से शादी करने के ख्वाब देखते हों। लेकिन इतने शर्मीले थे कि बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। पूरे नाटक में वो दूर से ही स्वरूप जी को देखते रहे।
लगभग एक साल बाद स्वरूप संपत ने एक इंटर कॉलिजिएट नाटक कंपिटीशन में परेश रावल को एक नाटक में अभिनय करते देखा। स्वरूप जी को परेश रावल जी का काम बहुत पसंद आया। उस नाटक में परेश रावल ने एक गुंडे का किरदार निभाया था। नाटक खत्म करने के बाद लोग परेश रावल से बात करने में झिझक रहे थे। लेकिन स्वरूप संपत जी परेश रावल के पास गई और बोली,”मुझे यकीन नहीं हो रहा कि कोई इस रोल को इतनी अच्छी तरह से निभा सकता है।” फिर तो स्वरूप संपत जी और परेश रावल जी की बात होने लगी। एक दिन परेश रावल ने स्वरूप संपत जी से साथ में फिल्म देखने चलने को कहा। वो फिल्म थी अमर अकबर एंथोनी। फिल्म के बाद ये दोनों एक रेस्टोरेंट गए जहां परेश रावल ने स्वरूप जी को शादी के लिए प्रपोज़ किया। परेश चाहते थे कि स्वरूप जी भी रिलेशन में फुल कमिटमेंट दें। स्वरूप जी ने उस वक्त तो परेश जी के शादी के प्रपोज़ल को स्वीकार कर लिया। लेकिन मन ही मन वो सोच रही थी कि बाद में देखा जाएगा।
बाद में स्वरूप संपत और परेश रावल, दोनों साथ में थिएटर करने लगे। स्वरूप संपत जी ने उस दौरान परेश रावल को काफी करीब से जाना। उन्हें लगा कि इस आदमी के साथ उनकी ट्यूनिंग मैच हो जाएगी। हालांकि दोनों के बैकग्राउंड अलग-अलग थे। परेश रावल एक ट्रेडिशनल गुजराती परिवार से थे। जबकी स्वरूप संपत एक ऐसे परिवार से थी जहां वेस्टर्न कल्चर का असर अधिक था। स्वरूप जी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि परेश की एक्टिंग एबिलिटीज़ की वो दीवानी हो गई। और परेश राव की आंखों में तो जाने कैसा, एक नशा सा था। बकौल स्वरूप संपत, चूंकि उस वक्त तो परेश रावल बहुत स्लिम थे तो उनकी आंखें तब और ज़्यादा खूबसूरत लगती थी।
स्वरूप जी सोलह साल की थी जब उन्होंने मॉडलिंग शुरू कर दी थी। 1979 में स्वरूप संपत जी ने फैमिना मिस इंडिया यूनिवर्स का खिताब भी जीता था। उसी साल इन्होंने मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। स्वरूप जी ने फिल्मों व टीवी शोज़ में काफी काम किया है। फिल्म नरम गरम(1981) व नाखुदा में इनके काम की बहुत प्रशंसा हुई थी। जबकी टीवी जगत में ये जो है ज़िंदगी, ये दुनिया गज़ब की व ऑल दि बेस्ट शो में भी इन्हें बहुत स राहा गया था। स्वरूप संपत जी अब दो बेटों की मां हैं। और थिएटर में पूरी तरह से लीन हैं।
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