देश के लोकतंत्र को खतरा, भाजपा के खिलाफ किया ब्लैक पेपर पेश
प्रिया ओझा की रिपोर्ट
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार, 8 फरवरी को भाजपा के खिलाफ ब्लैक पेपर जारी किया। खड़गे ने मोदी सरकार के खिलाफ 10 साल के कार्यकाल का ब्लैक पेपर पेश करते हुए कहा की बेरोजगारी जो की प्रमुख मुद्दा है उसपे भाजपा कभी बात नहीं करती। पार्टी ने इसे ’10 साल, अन्याय काल’ नाम देते हुए ब्लैक पेपर’ में महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय, किसान और कई अन्य विषयों पर सरकार की ‘विफलताओं” का उल्लेख किया गया है।
कांग्रेस ने सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर उनकी विफलतायें छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे में इस सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर’ लाने का फैसला किया गया। कांग्रेस ने यह ‘ब्लैक पेपर’ ऐसे समय जारी किया है जब सरकार ने UPA के 10 साल के कार्यकाल पर एक ‘श्वेत पत्र’ जारी करने की घोषणा की है।
खड़गे ने लिखा, “10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद वह अपने बारे में बात करने के बजाय सिर्फ कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हैं. आज भी उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता के बारे में बात नहीं की?” कांग्रेस चीफ ने लिखा, “‘मोदी की गारंटी’ केवल झूठ फैलाने के लिए है।” इसके अलावा ब्लैक पेपर में 10 साल में युवाओं, महिलाओं, किसानों, अल्पसंख्यकों और श्रमिकों पर हुए अन्याय का भी जिक्र किया है। मल्लिकार्जुन खड़गे बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा की बेरोजगारी देश का सबसे बड़ा मुद्दा है लेकिन मोदी सरकार ने बेरोजगारी के उपर कभी बात नहीं की। यहां तक कि जिस राज्य में भाजपा का शासन नहीं होता वहां मनरेगा का पैसा भी नहीं दिया जाता और बाद में बोला जाता है पैसा रिलीज किया गया पर खर्च नहीं किया गया। सरकार हमेशा आजादी से पहले की बात करती रहती है, आज महंगाई कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे इस पर बात नहीं करती, मोदी की गारंटी पर कहा कि पिछले वादे तो पूरे किए नहीं गए और नई-नई गारंटियां दी जा रही है। यही नहीं उन्होंने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र के खतरे का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र खत्म करने की कोशिश कर रही है. बीजेपी लोगों को डराकर अपने पक्ष में कर रही है। कांग्रेस के नेता को भी डराने की कोशिश कर रही है लेकिन हम डरने वाले नहीं है। हम जनता की भलाई के लिए ब्लेक पेपर लेकर आए है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये भी कहा की, “देश में लोकतंत्र को खतरा है…बीते 10 साल में 411 विधायकों को बीजेपी ने अपने पाले में कर लिया। उन्होंने कांग्रेस की कई सरकारें गिरा दीं। वे लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं।”
ब्लैक पेपर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले क्यों?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के खिलाफ ब्लैक पेपर पेश किया लेकिन सोचने वाली बात ये हैं की यह ब्लैक पेपर लोकसभा चुनाव के समय ही क्यों पेश की गई। अगर कांग्रेस पार्टी जनता को सच दिखाना चाहता थी तो ये ब्लैक पेपर पहले पेश क्यों नहीं किया? क्या ब्लैक पेपर के जरिए कांग्रेस पार्टी अपना उल्लू सीधा करना चाहती है ? क्या कारण रहा जो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के खिलाफ ब्लैक पेपर पेश किया।
क्या कांग्रेस के लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा “ब्लैक पेपर” ?
लोकसभा चुनाव ठीक पहले कांग्रेस पार्टी का ब्लैक पेपर पेश करना क्या उनके लिए ब्लैक पेपर संजीवनी बूटी का काम करेगा? क्या जनता कांग्रेस पार्टी की बात या उनके ब्लैक पेपर को गंभीरता से लेगी या उनका ये वार भी खाली जायेगा! हालाकि मोदी सरकार ने ब्लैक पेपर के उपर अपनी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा की “…आज देश पिछले 10 साल में समृद्धि के नए-नए शिखर छू रहा है। एक भव्य-दिव्य वातावरण बना है और उसको नज़र ना लग जाए, इसीलिए काला टीका करने का आज प्रयास हुआ है। मैं उसके लिए भी मल्लिकार्जुन खड़गे का बहुत धन्यवाद करता हूं ताकि हमारी इस प्रगति की यात्रा को कोई नज़र ना लग जाए…मैं उसका (ब्लैक पेपर का) भी स्वागत करता हूं, क्योंकि जब भी अच्छी बात होती है तो काला टीका, नज़र ना लग जाए, इसीलिए बहुत जरूरी होता है….
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!