कॉविड-19 वैक्सीन को लिया जाएगा वापस, कंपनी ने किया एलान
एस्ट्रोजेनिका पूरे विश्व से अपनी कॉविड-19 की वैक्सीन लेगी वापिस। कंपनी ने बाजार से अपनी वैक्सीन वापस लेने का फैसला ले लिया है। साइड इफेक्ट को लेकर उठ रहे सवालों की वजह से यह निर्णय लिया गया है।
आपको बता दे की कोविद-19 वैक्सीन की साइड इफेक्ट्स को लेकर देश में हाहाकार मचा हुआ है। इसी के बीच एस्ट्रोजेनिका कंपनी द्वारा कोविद-19 की वैक्सीन को वापस ले लिया जाएगा। कंपनी ने बताया कि कॉविड के दौरान मार्केट में यह वैक्सीन जरूरत से ज्यादा सप्लाई हो गई थी। उनका कहना है कि इसकी प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट पहले से ही कंपनी ने बंद कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका कंपनी ने कहा है कि अपडेटेड वैक्सीन लगाई जाएगी, जो नए वेरिएंट से निपटने में सक्षम रहेगी। भारत में यह कंपनी कोविशील्ड नाम से वैक्सीन बेच रही है, पर अब इसे वापस मांग लिया गया है। कंपनी ने वैसे तो 5 मार्च को ही वैक्सीन को वापस लेने का फैसला कर लिया था, लेकिन इसका आदेश 7 मई को आया। कोर्ट में कंपनी के खिलाफ 50 से भी अधिक मामले दर्ज हो रखे हैं।
टीटीएस का कारण बन सकती है कॉविड-19 वैक्सीन
फार्मा कंपनी का कहना है कुछ दुर्लभ मामलों में कॉविड-19 वैक्सीन TTS क्या कारण बन सकती है। इस स्थिति में प्लेटलेट काउंट घटने और खून के थक्के जमने जैसी समस्याएं आ सकती हैं। कई मामलों में तो हार्ट अटैक से मौत तक हो सकती है। ब्रिटेन में इस वजह से करीब 81 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में स्वीकार कर लिया है कि वैक्सीन से दुर्लभ साइड इफेक्ट होना संभव हैं, लेकिन अभी तक ये स्वीकार नहीं किया की तक में किसी तरीके का कोई दोष है।
एस्ट्रोजेनिका का आया बयान
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि “स्वतंत्र अनुमान के मुताबिक, इस्तेमाल के सिर्फ पहले साल में 6.5 मिलियन से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई और विश्व स्तर पर तीन बिलियन से ज्यादा खुराक की आपूर्ति की गई। हमारी कोशिशों को दुनिया भर की सरकारों ने मान्यता दी और व्यापक रूप से वैक्सीन को वैश्विक महामारी (Global Pandemic) को खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक माना गया है, क्योंकि कई तरह की कोरोना वैक्सीन विकसित की गई हैं, इसलिए उपलब्ध टीकों की अधिकता है। अब हम अपडेटेड वैक्सीन के साथ कोरोना महामारी में अहम योगदान देने के लिए एक स्पष्ट रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए नियामकों और हमारे भागीदारों के साथ काम करेंगे।”
कॉविड-19 वैक्सीन क्या है और कैसे काम करती है?
कॉविड-19 जैसे भारत में कोविशील्ड के नाम से भी जाना जाता है, दरअसल एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसका भारत में दूसरा नाम AZD1222 है। यह वैक्सीन चिंपांज़ी में पाए जाने वाले एडेनोवायरस के कमजोर संस्करण को उपयोग करके काम करती है। कॉविड-19 वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के बीच सहयोग के माध्यम से विकसित किया गया था।
स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने हार्ट अटैक के बारे में चेतावनी देते हुए कहा था कि “आईसीएमआर ने हाल ही में इस पर विस्तृत अध्ययन किया है। इस अध्ययन में कहा गया है कि जिन्हें गंभीर कोविड हुआ है और ज़्यादा लंबा समय नहीं हुआ है उन्हें हार्ट अटैक से बचने के लिए कम से कम एक या दो साल तक ज़्यादा कठिन परिश्रम, ओवर वर्कआउट, भागना या ज़्यादा कसरत से बचना चाहिए”।
TTS क्या है?
टीटीएस का मतलब थ्रोमबॉयटोपेनिया सिंड्रोम है। इसमें शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं और प्लेटलेट्स काउंट कम होता है। इसके कारण एक व्यक्ति को स्टॉक और हार्ट अटैक जैसी गंभीर परेशानियां का भी सामना करना पड़ सकता है। यह स्थिति आमतौर पर मस्तिष्क या पेट जैसे असामान्य स्थानों में होती है। टीटीएस के लक्षणों है – गंभीर सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, बोलने में कठिनाई, सीने में दर्द, पेट में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और पैर में सुजन।
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