इलेक्टोराल बॉन्ड मामले में लगी सुप्रीम फटकार, समय की मंजूरी को किया रद्द
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। दरअसल स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मोहलत मांग रही थी और आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद एसबीआई की और समय देने की मोहलत अर्जी को नाकार दिया है।
आपको बता दे की इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए चुनाव आयोग को शुक्रवार शाम 5:00 बजे तक का समय दिया गया है। एसबीआई का इस मामले पर कहना है कि उनको जानकारी जुटाना में समय लगेगा। इलेक्ट्रोल बॉन्ड के जरिए जिन लोगों ने भी चंदा दिया है उनके नाम सील बंद करके बैंक की अलग-अलग ब्रांच में रखे गए हैं उन सब नामों को जुटाने के लिए बैंक को थोड़ी और मोहलत चाहिए। इसी बात पर कहते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि “आपका कहना है कि लिफाफे में सील बंद करके नाम को बैंक में रखा गया है और हम चाहते हैं कि एसबीआई इन नाम को लोगों के सामने रखें तो आखिर क्यों एसबीआई आदेश का पालन नहीं कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप तत्काल आदेश का पालन करिए। आप ईसीआई को नाम की जानकारी दीजिए। इसपर एसबीआई ने कहा कि बॉन्ड नंबर, नाम और कितने का बॉन्ड हैं, यह दो-तीन हफ्ते में ईसीआई को बता देंगे। किस पार्टी को क्या दिया गया है इस बात की भी तीन हफ्ते में पूरी जानकारी मिल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर एसबीआई को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि “इतने दिनों से एसबीआई ने इस मामले पर क्या किया? पिछले 26 दिनों से एसबीआई इस मामले को गंभीर तरीके से क्यों नहीं ले रही? इस बात पर एसबीआई के वकील हरीश साल्वे का जवाब था कि “वह कुछ गलती नहीं कर सकते अन्यथा लोग इस मामले को लेकर उन पर केस भी कर सकते हैं। पूरी जानकारी के लिए कम से कम 3 महीने लगेंगे। बॉन्ड किसने खरीदे, ये जानकारी दे सकते हैं, लेकिन नाम के साथ बॉन्ड नंबर देने के लिए समय चाहिए। काम चल रहा है। हमारी समस्या ये है कि हमारे पास पूरी जानकारी है, लेकिन सभी नाम अलग जगह पर रखे हुए हैं। बंद नंबर के साथ राजनीतिक पार्टी को कितना चंदा दिया गया है और किसने दिया यह सारी चीज अलग ब्रांच में रखी हुई है। केंद्र सरकार के नियम के अनुसार वह यह जानकारी किसी अधिकारी को नहीं दे सकती।
CJI का इस बात पर पलट कर सवाल था कि “अगर बैंक सारी जानकारी मुंबई ब्रांच को दे सकता है तो वह यह जानकारी ईसीआई को क्यों नहीं दे सकता?
सुप्रीम कोर्ट के सारे सवालों के जवाब में एसबीआई ने बस कहा कि उन्हें जानकारी जुटाना के लिए समय की आवश्यकता है। इस बात पर सबसे बड़ा सवाल तो यह उठता है कि अगर एसबीआई की मुंबई ब्रांच में इलेक्टोरल बांड को लेकर सारी जानकारी जमा है तो वह मोहलत क्यों मांग रहे हैं? एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की आड़ में ऐसा क्या छुपा रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि समय की मांग को रद्द कर दिया है और उन्हें शुक्रवार तक की मोहलत दी गई है।
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